सोमवार, 11 जुलाई 2022

बैंगन की जीवाणु उखटा रोग व नियंत्रण

जीवाणु उखटा रोग (Bacterial Wilt Disease)

यह रोग स्यूडोमोनास सोलेनीसेरम नामक जीवाणु से होता है. फसल पर इस रोग का प्रकोप आने पर पौधों की पत्तियों का मुरझाना, पीलापन तथा पौधा अल्प विकसित होना और बाद में सम्पूर्ण पौधा मुरझा जाता है. इस रोग के कारण पहले पौधे की पत्तियाँ गिरती है और पौधे का संवहन तंत्र भूरा हो जाता है. इस रोग का मुख्य लक्षण शुरुआती अवस्था में पौधा दोपहर के समय मुरझा जाता है और रात में सही हो जाता है लेकिन बाद में समाप्त हो जाता है

जीवाणु उखटा रोग से रोकथाम (Prevention of Bacterial wilt disease)

  • रोग ग्रसित पौधें को खेत से उखाड़ कर जला दें.
  • गर्मियों में खेत की गहरी जुताई करें.
  • खेत में जल निकास की उचित व्यवस्था करें
  • बीज को कार्बेन्डेजिम 2.5 ग्रा./कि.ग्रा. की दर से उपचारित करें
  • फसल चक्र अपनायें।
  • रोग प्रतिरोधी प्रजातियां लगाएं.
  • क्लोरोथलोनिल 75 डबल्यूपी 2 ग्राम या कसूगामायसिन 5 + कॉपर ओक्सिक्लोराइड़ 45 डबल्यूपी 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल कर स्प्रे करें.

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